बजाज ने केटीएम को बचाने के लिए जुटाए ₹5,431 करोड़, यूरोपीय पार्टनरशिप को मजबूत करने की बड़ी कोशिश/ Bajaj Raises ₹5,431 Crore Loan to Rescue KTM from Financial Struggles

Mohit Sharma

Bajaj Raises Rs. 5,431 Crore Loan to Save KTM

नई दिल्ली – भारतीय दोपहिया वाहन निर्माता बजाज ऑटो ने ऑस्ट्रियाई मोटरसाइकिल कंपनी KTM AG को वित्तीय संकट से उबारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बजाज ने अपने डच सब्सिडियरी के ज़रिए ₹5,431 करोड़ (लगभग $650 मिलियन) का कर्ज जुटाया है ताकि अपने यूरोपीय सहयोगी को आर्थिक सहारा दिया जा सके।

यह फैसला बजाज और केटीएम की लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को मजबूती देने और वैश्विक बाज़ार में केटीएम के अस्तित्व को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

बजाज और केटीएम की साझेदारी का इतिहास

बजाज और केटीएम की साझेदारी 2007 में शुरू हुई थी जब बजाज ने पहली बार केटीएम में हिस्सेदारी खरीदी थी। आज बजाज की नीदरलैंड स्थित सहायक कंपनी Bajaj Auto International Holdings BV के ज़रिए KTM AG में लगभग 48% हिस्सेदारी है।

इस साझेदारी से केटीएम को एशिया और अन्य विकासशील देशों में प्रवेश मिला, वहीं बजाज को भारत में प्रीमियम मोटरसाइकिल सेगमेंट में मजबूत पकड़ बनाने का मौका मिला। भारत के चाकन प्लांट में KTM की बाइक्स बनती हैं और ये दुनियाभर में एक्सपोर्ट होती हैं।

कर्ज क्यों लिया गया?

केटीएम की मूल कंपनी Pierer Mobility AG इन दिनों कैश फ्लो संकट और बढ़ते कर्ज का सामना कर रही है। बजाज ने हाल ही में जानकारी दी है कि Pierer Bajaj AG (बजाज और Pierer Mobility की जॉइंट वेंचर कंपनी) को इस संकट से उबारने के लिए ₹5,431 करोड़ का कर्ज जुटाया गया है।

यह कर्ज बजाज की डच सब्सिडियरी ने जुटाया है और इसका इस्तेमाल यूरोप सहित केटीएम के वैश्विक कारोबार को स्थिर करने, पुराने कर्ज चुकाने और ऑपरेशनल सुधारों में किया जाएगा।

कर्ज की शर्तें और भुगतान

बजाज द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, यह कर्ज लॉन्ग टर्म है और इसमें कम ब्याज दरों का प्रावधान है। हालांकि, भुगतान की स्पष्ट समयसीमा साझा नहीं की गई है, लेकिन कंपनी का कहना है कि यह फंडिंग केटीएम के दीर्घकालिक विकास और स्थिरता के लिए बेहद ज़रूरी है।

उद्योग के विशेषज्ञ मानते हैं कि इस फंड से केटीएम को बाहरी फाइनेंसिंग पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही यह वैश्विक आर्थिक दबावों – जैसे कि कच्चे माल की बढ़ती कीमतें और सप्लाई चेन की समस्याओं – से भी निपटने में मदद करेगा।

बजाज के लिए यह कदम क्यों अहम है

यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक कदम है। केटीएम, हस्कवर्ना (Husqvarna) और गैसगैस (GasGas) के साथ मिलकर बजाज की ग्लोबल मोटरसाइकिल रणनीति का अहम हिस्सा है। भारत जैसे उभरते बाज़ारों में केटीएम का पोर्टफोलियो बजाज को रॉयल एनफील्ड, टीवीएस और यामाहा जैसी कंपनियों से मुकाबला करने की ताकत देता है।

मार्केट रिएक्शन और विशेषज्ञों की राय

बाजार में इस खबर के बाद मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ निवेशकों ने इतने बड़े कर्ज को लेकर चिंता जताई, वहीं कईयों ने इसे एक साहसिक और दीर्घकालिक फायदे वाला फैसला बताया।

एक वरिष्ठ ऑटो विश्लेषक ने कहा, “बजाज और केटीएम की साझेदारी वैश्विक सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है। यह कर्ज फिलहाल बैलेंस शीट पर दबाव डाल सकता है, लेकिन लंबे समय में इससे बजाज को बड़ा फायदा मिलेगा।”

आगे का रास्ता

अब जब यह फंडिंग मिल चुकी है, तो केटीएम के लिए अगला कदम ऑपरेशनल रीस्ट्रक्चरिंग, कर्ज में कटौती, और नई बाइक एवं EV प्रोजेक्ट्स पर फोकस करना होगा। बजाज ऑटो भी इस पूरे फंड के उपयोग पर कड़ी नजर बनाए रखेगा।

निष्कर्ष

₹5,431 करोड़ का यह कर्ज बजाज की वैश्विक रणनीति और केटीएम के साथ इसके मजबूत रिश्तों को दर्शाता है। जहां एक ओर यह बजाज के लिए अल्पकालिक वित्तीय दबाव हो सकता है, वहीं दूसरी ओर यह दर्शाता है कि कंपनी भविष्य के दोपहिया वाहन बाज़ार के लिए खुद को तैयार कर रही है।

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