शुरुआती जोश और लंबा इंतजार
साल 2016 में Tesla के CEO एलन मस्क ने भारतीय ग्राहकों को Model 3 इलेक्ट्रिक कार के लिए $1,000 में प्री-ऑर्डर देने का ऑफर दिया था। इस घोषणा से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के शौकीनों में काफी उत्साह पैदा हुआ था। लेकिन लगभग 9 साल बीत जाने के बावजूद इन ग्राहकों को अब तक उनकी कार नहीं मिली।
मुंबई के एंटरप्रेन्योर विशाल गोंडल जैसे कई लोगों ने आखिरकार लंबे इंतजार के बाद अपनी बुकिंग कैंसिल करवा दी और पैसे वापस ले लिए।
इस देरी की मुख्य वजह भारत में EV पर लगने वाले भारी इम्पोर्ट ड्यूटीज़ थीं, जो पहले 70% से 100% तक थीं। इसके अलावा, भारत में Tesla की कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं थी और सर्विस सपोर्ट की भी कमी थी।
सरकारी नीतियों में बदलाव और Tesla की वापसी
हाल ही में भारत सरकार ने EV सेक्टर में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति बनाई है। इसके तहत $35,000 से कम कीमत की इलेक्ट्रिक कारों पर इम्पोर्ट ड्यूटी सिर्फ 15% कर दी गई है, बशर्ते कंपनी तीन साल के भीतर भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाए।
इस नीति से Tesla का भारत में फिर से इंटरेस्ट बढ़ा है। कंपनी ने अपने Model 3 और Model Y की भारत में होमोलोगेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है यह एक जरूरी सर्टिफिकेशन होता है जिससे कार भारत के सुरक्षा और पर्यावरण मानकों पर खरी उतरती है।
इसके साथ ही Tesla ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और दिल्ली के ऐरोसिटी में शोरूम्स के लिए लोकेशन फाइनल कर ली है। इन संकेतों से यह साफ है कि Tesla भारत में जल्द बुकिंग्स शुरू कर सकती है और शुरुआत में इम्पोर्टेड गाड़ियों की बिक्री से शुरुआत होगी।
भारत में EV मार्केट की स्थिति और प्रतिस्पर्धा
भारत का EV मार्केट अभी विकास के शुरुआती चरण में है। 2023 में कुल कार सेल्स में EV की हिस्सेदारी सिर्फ 2% थी। Tata Motors इस सेगमेंट में लीडर है, जबकि Mahindra और चीन की BYD जैसी कंपनियाँ भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
ऐसे में Tesla को भारतीय मार्केट में पैर जमाने के लिए मजबूत स्ट्रैटेजी बनानी होगी। Model 3 और Model Y की इंटरनेशनल कीमतें $40,000 से ऊपर हैं। भारत जैसे प्राइस-सेंसिटिव मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए Tesla को लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करना होगा जिससे कीमतें कम हो सकें।
आगे की राह
पिछले कई सालों की अनिश्चितता के बावजूद अब Tesla की गतिविधियाँ यह दिखा रही हैं कि कंपनी भारत में एंट्री को लेकर गंभीर है। शो-रूम्स की तैयारी, होमोलोगेशन प्रक्रिया और पॉलिसी में बदलाव को अपनाना इस बात की ओर इशारा करता है कि कंपनी जल्द ही भारत में नई बुकिंग्स शुरू कर सकती है।
Tesla की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह भारतीय ग्राहकों को सही कीमत, अच्छी सर्विस और भरोसेमंद सपोर्ट दे पाती है या नहीं।
अगर सबकुछ योजना के मुताबिक चला तो Tesla की एंट्री भारत के EV सेक्टर के लिए एक बड़ा और अहम मोड़ साबित हो सकती है।